सांसद को सीएम, डिप्टी सीएम बनने से रोकने का कोई… लखनऊ बेंच ने जनहित याचिका कर दी खारिज

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सांसद को सीएम, डिप्टी सीएम बनने से रोकने का कोई… लखनऊ बेंच ने जनहित याचिका कर दी खारिज


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सीएम, डिप्टी सीएम की नियुक्ति को असंवैधानिक घोषित करने की मांग वाली याचिका को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सांसद को मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री बनने से रोकने का कोई प्रावधान नहीं है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट

लखनऊः  सीएम, डिप्टी सीएम की नियुक्ति को असंवैधानिक घोषित करने की मांग वाली याचिका को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सांसद को मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री बनने से रोकने का कोई प्रावधान नहीं है. साल 2017 में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. याचिका में सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की नियुक्ति को चुनौती दी गई थी. याचिका के मुताबिक लोकसभा सदस्य रहते हुए दोनों के सीएम, डिप्टी सीएम पद धारण करने को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई थी.

हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिका को खारिज किया. हाईकोर्ट ने कहा कि 19 मार्च 2017 को सीएम और डिप्टी सीएम के रूप में की गई दोनों नियुक्तियां पूर्ण रूप से संविधान के अनुरूप थी. याचिका के मुताबिक 19 मार्च 2017 को शपथ ग्रहण के समय योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य संसद सदस्य थे. याचिका में तर्क दिया गया कि वे एक साथ दो संवैधानिक पद नहीं संभाल सकते थे. याचिका में इसे शक्तियों के पृथक्करण और ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के सिद्धांत के खिलाफ बताया गया था.

अपने विस्तृत फैसले में हाईकोर्ट ने सभी दलीलों को सिरे से खारिज किया. हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि संविधान में ऐसा कोई स्पष्ट या निहित प्रावधान नहीं है जो किसी सांसद को सीएम या डिप्टी सीएम बनने से रोकता हो. सांसद का पद कोई संवैधानिक पद नहीं बल्कि एक निर्वाचित पद है. जबकि मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा अनुच्छेद 164 के तहत की जाती है. संविधान स्वयं ये अनुमति देता है कि कोई व्यक्ति जो राज्य विधान मंडल का सदस्य नहीं है वो छह महीने तक मुख्यमंत्री या मंत्री रह सकता है. बता दें कि इस अवधि के भीतर योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य ने संसद की सदस्यता से इस्तीफा भी दे दिया था. हाईकोर्ट ने कहा कि याचिका में कोई संवैधानिक या विधिक आधार नहीं है.

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Prashant Rai

प्रशान्त राय मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं. प्रशांत राय पत्रकारिता में पिछले 8 साल से एक्टिव हैं. अलग-अलग संस्थानों में काम करते हुए प्रशांत राय फिलहाल न्यूज18 हिंदी के साथ पिछले तीन …और पढ़ें

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