हिंदी में JRF क्लियर करना हैं?फॉलो करें गाजीपुर के टॉपर अभिनव की ये स्ट्रेटिजी

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हिंदी में JRF क्लियर करना हैं?फॉलो करें गाजीपुर के टॉपर अभिनव की ये स्ट्रेटिजी


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UGC-NET Exam Tips: गाजीपुर के अभिनव विश्वा ने हिंदी JRF में टॉप किया है. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और चौथे प्रयास में सफल हुए. दृष्टि प्रकाशन की किताबें और मॉक टेस्ट मददगार रहे.

हाइलाइट्स

  • अभिनव विश्वा ने JRF हिंदी में टॉप किया.
  • तैयारी के लिए दृष्टि प्रकाशन की किताबें उपयोगी.
  • रामचंद्र शुक्ल और बच्चन सिंह की किताबें समझकर पढ़ें.
गाजीपुर: अगर आपके अंदर जुनून हो, तो कोई भी मंज़िल नामुमकिन नहीं होती. गाजीपुर जिले के लंका मोहल्ला निवासी अभिनव विश्वा ने यह बात सच साबित कर दी है. कठिन माने जाने वाले हिंदी विषय में उन्होंने JRF (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) में बेहतरीन स्कोर के साथ गाजीपुर टॉप किया है. JRF में उन्होंने 240 में से शानदार अंक हासिल कर देशभर में अपनी पहचान बनाई है.

अभिनव की प्रारंभिक शिक्षा गाजीपुर के शाह फैज स्कूल से हुई है. हिंदी जैसे गहराई वाले विषय में इतनी बड़ी सफलता पाना आसान नहीं था, लेकिन अभिनव ने इसे संभव कर दिखाया.

चौथे प्रयास में मिली सफलता
अभिनव बताते हैं कि उन्होंने अब तक कुल चार बार यह परीक्षा दी. पहले तीन बार उनका NET (राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) तो निकल गया, लेकिन JRF हर बार कुछ अंकों से छूटता रहा. इस बार उन्होंने पहले पेपर में 50 में से 40 प्रश्न सही करने का लक्ष्य रखा और उसमें कामयाब भी रहे.
अभिनव ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई की है. वो कहते हैं कि यूनिवर्सिटी का माहौल उनके लिए एक turning point था. वहां मिले सीनियर विकास भैया और त्रिपाठी भैया ने जो मार्गदर्शन दिया, उसने उनकी सोच को नई दिशा दी.

तैयारी का तरीका और किताबों की मदद
हिंदी साहित्य की गहराई को समझने के लिए अभिनव ने रामचंद्र शुक्ल और बच्चन सिंह की किताबें सिर्फ रटी नहीं, बल्कि उन्हें समझकर पढ़ा. उन्होंने बताया कि दृष्टि प्रकाशन की किताबें बेहद उपयोगी रहीं, खासकर उन छात्रों के लिए जिनके पास समय कम होता है. वो कहते हैं कि उन्होंने कहानी, निबंध और नाटक पर खास ध्यान दिया. साथ ही काव्यशास्त्र को भी नजरअंदाज़ नहीं किया. पहले पेपर की तैयारी के लिए उन्होंने मॉक टेस्ट और पिछले सालों के प्रश्नपत्रों पर खूब अभ्यास किया.

आगे अभिनव कहते हैं कि JRF सिर्फ रिसर्च के लिए स्कॉलरशिप नहीं है, बल्कि यह मध्यमवर्गीय छात्रों के लिए एक आर्थिक सहारा भी है. इससे उन्हें उच्च शिक्षा के साथ-साथ आत्मनिर्भरता भी मिलती है.

तैयारी करने वाले छात्रों के लिए टिप्स
अभिनव ने अपनी सफलता से मिले अनुभव के आधार पर हिंदी के छात्रों को कुछ अहम सुझाव दिए हैं. उन्होंने बताया कि तैयारी की शुरुआत दृष्टि की किताबों से करें, ताकि बेस मजबूत हो सके. रामचंद्र शुक्ल और बच्चन सिंह के साहित्य को रटें नहीं, बल्कि समझें. वहीं, कहानी, निबंध और नाटक पर गहरी पकड़ बनाएं. काव्यशास्त्र को कमज़ोर न छोड़ें उसपर जरुर ध्यान दें. इसके अलावा मॉक टेस्ट और पिछले सालों के पेपर का रोजाना अभ्यास करें.
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