हिंदू होली नहीं जला पाए, मुस्लिम ताजिए ना रख पाए, कोर्ट के फैसले ने बढ़ाई खुशी, जानें डिटेल

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हिंदू होली नहीं जला पाए, मुस्लिम ताजिए ना रख पाए, कोर्ट के फैसले ने बढ़ाई खुशी, जानें डिटेल


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चित्रकूट में विवादित कब्रिस्तान की जमीन राज्य सरकार के नाम दर्ज होने से हिंदू पक्ष में खुशी है. भाजपा नेता पवन प्रसाद बद्री ने साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिससे न्यायालय ने फैसला सुनाया. इस जमीन को लेकर पुराने समय से…और पढ़ें

चित्रकूट से हैरान करने वाला मामला सामने आया है.

हाइलाइट्स

  • चित्रकूट में विवादित कब्रिस्तान की जमीन राज्य सरकार के नाम दर्ज हुई.
  • हिंदू पक्ष में खुशी का माहौल, होलिका दहन कर सकेंगे.
  • भाजपा नेता पवन प्रसाद बद्री ने साक्ष्य प्रस्तुत किए.

चित्रकूट. जनपद में विवादित कब्रिस्तान की जमीन के मामले में एसडीएम न्यायालय ने लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर जमीन को राज्य सरकार के नाम दर्ज कर लिया है, जिससे हिंदू पक्ष में खुशी का माहौल है. मामला लक्ष्मणपुरी मोहल्ले के पास दलित बस्ती में बने कब्रिस्तान का है, जिस पर हिंदू और मुस्लिम पक्ष कई वर्षों से अपनी-अपनी जमीन होने का दावा कर रहे थे. विवाद बढ़ने पर प्रशासन ने कब्रिस्तान पर धारा 145 लगाकर गेट में ताला डाल दिया और दोनों पक्षों को दूर रहने का आदेश दिया था. साथ ही, कोर्ट में अपने-अपने साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.

इस विवाद के चलते हिंदू पक्ष होलिका दहन नहीं कर पा रहे थे और मुस्लिम पक्ष ताजिया नहीं रख पा रहे थे, जिससे तनाव का माहौल बना रहता था. भाजपा के दलित नेता पवन प्रसाद बद्री ने न्यायालय में कई साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिसके आधार पर एसडीएम न्यायालय ने जमीन को राज्य सरकार के नाम दर्ज कर लिया. इससे हिंदू पक्ष में खुशी की लहर है. दलित नेता, शिकायतकर्ता पवन प्रसाद बद्री ने कहा है कि न्‍याय की हमेशा जीत होती है.

सपा सरकार ने बदल दिए थे नियम, जमीन को लेकर दोनों पक्ष पर उतर आए
पवन प्रसाद बद्री ने आरोप लगाया कि जिस जमीन पर कब्रिस्तान बना है, वह हिंदुओं की जमीन है. पुराने समय में यह जमीन राजा अमृत राव की थी, लेकिन समय के साथ मुस्लिम समाज के लोगों ने सरकारी कागजों में छेड़छाड़ कर इसे अपने नाम दर्ज करा लिया और कब्रिस्तान बना लिया. दलित समाज के लोग इस जमीन पर वर्षों से होलिका दहन करते आ रहे थे, लेकिन 2012 में सपा सरकार ने इस भूमि को कब्रिस्तान के नाम दर्ज करा दिया, जिससे उन्हें होलिका दहन करने से मना कर दिया गया. इसके बाद से वह लगातार अधिकारियों और कोर्ट के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन सपा सरकार में उन्हें न्याय नहीं मिल रहा था. अब भाजपा सरकार में सही से मामले की जांच की गई और निष्पक्ष तरीके से साक्ष्यों को देखा गया, जिससे न्यायालय ने जमीन को राज्य सरकार के नाम दर्ज कर लिया. इससे दलित समाज में खुशी का माहौल है और वे इसे संविधान की जीत मानते हैं. वे इस भूमि पर आंबेडकर पार्क बनाने की मांग कर रहे हैं.

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हिंदू होली नहीं जला पाए, मुस्लिम ताजिए ना रख पाए, कोर्ट के फैसले ने बढ़ाई खुशी



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