उत्‍तर मध्‍य रेलवे का कमाल, खुद बनाई बिजली का करता है इस्‍तेमाल

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उत्‍तर मध्‍य रेलवे का कमाल, खुद बनाई बिजली का करता है इस्‍तेमाल


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उत्तर मध्य रेलवे ने प्रयागराज में सौर पैनलों से बिजली पैदा कर 10 भवनों को ‘शून्य’ और ‘शून्य-प्लस’ ऊर्जा प्रमाणपत्र दिलाया. 2024-25 में 11.87 मिलियन यूनिट बिजली बनाई और 5.34 करोड़ रुपये बचाए.

सांकेतिक फोटो

प्रयागराज.  उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) पर्यावरण की सुरक्षा और सस्‍टनेबल एनर्जी के इस्तेमाल के लिए एक खास मिशन पर काम कर रहा है. अपने कार्यालय इमारतों को ‘शून्य’ और ‘शून्य-प्लस’ ऊर्जा प्रमाणपत्र दिलाने की योजना बनाई है. यह योजना देश में रेलवे के लिए ग्रीन एनर्जी को अपनाने का एक बड़ा उदाहरण है.

इस योजना में भवनों की बिजली खपत की जांच की गई और सौर पैनलों की मदद से उनकी बिजली की जरूरत को पूरा किया गया. इसके बाद इन भवनों को ऊर्जा संरक्षण ब्यूरो (बीईई) ने ‘शून्य’ और ‘शून्य-प्लस’ प्रमाणपत्र दिए. इसका मतलब है कि ये भवन अपनी बिजली खुद बनाते हैं और बाहर से बिजली की जरूरत नहीं पड़ती.

2024-25 की उपलब्धियां

इस साल एनसीआर के 10 भवनों को बीईई से ‘शून्य’ और ‘शून्य-प्लस’ प्रमाणपत्र मिला. इनमें धौलपुर (राजस्थान) का यात्री आरक्षण कार्यालय, झांसी के वैगन मरम्मत कारखाने का प्रशिक्षण केंद्र, अलीगढ़ का पार्सल कार्यालय, कानपुर के विद्युत लोको शेड के चार भवन और प्रयागराज के महाप्रबंधक कार्यालय के तीन भवन शामिल हैं.

भविष्य की योजनाएं

अगले चरण में 19 और भवनों को यह प्रमाणपत्र दिलाने की तैयारी है. इनमें सूबेदारगंज स्टेशन, एम.डी.डी.टी.आई. कानपुर, खजुराहो और टीकमगढ़ स्टेशन, और झांसी वैगन कारखाने के कई भवन शामिल हैं.

11.87 मिलियन यूनिट साफ बिजली बनाई

साल 2024-25 में एनसीआर ने 12.7 मेगावाट के सौर संयंत्रों से 11.87 मिलियन यूनिट बिजली बनाई. इससे 5.34 करोड़ रुपये की बचत हुई और करीब 9968 मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) उत्सर्जन को रोका गया. इसका मतलब है कि पर्यावरण को नुकसान कम हुआ.

आगे का यह है प्‍लान

जून 2025 तक एनसीआर 17.84 मेगावाट के नए सौर संयंत्र लगाने की योजना बना रहा है. इससे हर साल 32.3 मिलियन यूनिट बिजली बनेगी और 14.9 करोड़ रुपये की बचत होगी. साथ ही, 27187 मीट्रिक टन CO₂ उत्सर्जन कम होगा, जो पर्यावरण के लिए अच्छा है.

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