औपचारिकता मात्र बना समाधान दिवस, जनता की समस्याओं का निस्तारण नहीं, मोबाइल में व्यस्त दिखे अधिकारी, कोई करता रहा चैटिंग, तो करता रहा रील स्क्रोल

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औपचारिकता मात्र बना समाधान दिवस, जनता की समस्याओं का निस्तारण नहीं, मोबाइल में व्यस्त दिखे अधिकारी, कोई करता रहा चैटिंग, तो करता रहा रील स्क्रोल


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बागपत के समाधान दिवस में अधिकारी जनता की समस्याओं के निस्तारण के बजाय मोबाइल में व्यस्त दिखे. जिलाधिकारी अस्मिता लाल की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में 37 शिकायतों में से केवल 4 का निस्तारण हुआ.

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समाधान दिवस में फोन के व्यस्त पुलिस अधिकारी। 

बागपत. समाधान दिवस के माध्यम से प्रदेश सरकार जनता की समस्याओं का त्वरित निस्तारण चाहती है लेकिन अधिकारियों की मंशा इसके विपरीत नजर आती हैं । समाधान दिवस में अधिकारी जनता की समस्याओं का निस्तारण करते कम ओर मोबाइल में व्यस्त अधिक नजर आ रहे है। जिससे साफ है अधिकारी जनमानस की समस्याओं के निस्तारण के लिए कितने गंभीर है। वीडियो में अधिकारियों की गतिविधि से साफ है कि यह समाधान दिवस औपचारिकता मात्र है।

बागपत के बड़ौत तहसील में सोमवार को आयोजित समाधन दिवस कार्यक्रम में समस्याओं का निराकरण  होता नहीं दिखा. आयोजन के दौरान अफसरों की जो कार्यशैली दिखी, उस पर न सिर्फ सवाल उठ रहे हैं बल्कि सरकार की ये पहल मजाक भी बनती नजर आई।

बागपत जिलाधिकारी अस्मिता लाल की अध्यक्षता में आयोजित इस समाधान दिवस में अधिकारी जनता की फरियाद सुनने के बजाय   मोबाइल फोन में व्यस्त नज़र आए. कोई व्हाट्सएप पर चैटिंग करता दिखा, तो कोई इंस्टाग्राम पर रील्स स्क्रॉल करता दिखा। कुछ तो यूट्यूब पर वीडियो देखने में बिजी रहे।  ऐसे में सवाल है कि जब समस्याएं सुनने के नाम पर अधिकारी मोबाइल में लगे रहेंगे, तो जनता की समस्याओं का निस्तारण कहा होगा।

आला अधिकारियों की उपस्थिति में भी फोन चलाते रहे कर्मचारी समाधान दिवास में डीएम, एसडीएम व अन्य आलाधिकारी मौजूद थे, किसी भी आलाधिकारी ने मोबाइल पर व्यस्त सहकर्मियों को टोकने की जहमत तक नहीं उठाई.  समाधान दिवस में 37 शिकायतें प्राप्त हुई लेकिन मौके पर केवल 4 शिकायतों का निस्तारण किया गया जिससे समाधान दिवस की विफलता साफ झलकती है।
मुख्यमंत्री की चेतावनी भी बेअसर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार अधिकारियों को चेतावनी दे चुके हैं कि जनता की सुनवाई में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. ऐसे में बागपत के बड़ौत में अधिकारियों की ये कार्यशैली सवालियां हैं. वहीं जब इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियो से बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इंकार कर बचते नजर आए।

फिलहाल इस मामले में बागपत के तमाम अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं वहीं प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और जन समस्याओं को लेकर बागपत में अधिकारी कितने गंभीर हैं इस संपूर्ण समाधान दिवस में यह देखने को मिला। जब डीएम एसपी के सामने ही उनके अधीनस्थ अधिकारी फोन चला कर अधिकारियों को और जनता को बहकने का काम कर रहे हैं तो अब इस मामले में क्या कार्रवाई होती है यह देखने वाली बात होगी।

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