घिसट-घिसट कर पहुंचा दिव्यांग बुजुर्ग, डीएम ने पूछा एक सवाल, फिर जो हुआ उसे देखकर भावुक हुआ पूरा गांव

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हरदोई के डीएम एमपी सिंह सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने बावन गांव पहुंचे और यहीं के एक दिव्यांग बुजुर्ग बाबू राम से उनका सामना हो गया. बाबू राम को यह जानकारी थी कि डीएम साहब गांव आए हैं. जमीन पर घिसटता हुआ…और पढ़ें
दिव्यांग बुजुर्ग को देखकर हरदोई डीएम भावुक हो गए.
हाइलाइट्स
- डीएम ने दिव्यांग बुजुर्ग को ट्राइसाइकिल दी.
- बाबू राम की मदद से गांव भावुक हुआ.
- डीएम ने बुजुर्ग को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दिलाई.
हरदोई. संवेदनशील अफसर ने चंद मिनट में एक दिव्यांग बुजुर्ग की जिंदगी ही बदल दी, जिस उम्मीद में बुजुर्ग जमीन पर घिसट-घिसट कर सरकारी दफ्तर तक पहुंचा था, उसे इतना कुछ मिला कि वह अफसर और सरकार का आभार मानते हुए और आशीष देते हुए ठाठ से लौटा. ऐसा नजारा था कि पूरा गांव भावुक हो गया. बावन गांव के बुजुर्ग बाबू राम के परिवार में अब कोई नहीं है, वे दूसरों के भरोसे पर जिंदगी जी रहे हैं. उन्होंने डीएम एमपी सिंह से कहा कि हजूर एक रिक्शा (ट्राइसाइकिल) दे दो बस. बुजुर्ग की हालत देखकर डीएम की आंखें नम हो गईं, दिव्यांग बुजुर्ग जमीन पर बैठा हुआ था. इस पर डीएम एमपी सिंह ने तुरंत कुर्सी मंगवाई और सम्मान से उन्हें बिठाया. डीएम ने बुजुर्ग से एक सवाल पूछा ‘आपकी क्या मदद कर दें?’
DM एमपी सिंह ने तुरंत अपने मोबाइल फोन से अफसर को निर्देश दिया कि अभी इसी समय ट्राइसाइकिल लेकर हाजिर हो और बाबू राम को अभी सौंप दो. उन्होंने कहा कि “इनका फर्श पर बैठना हम सबके लिए अपमानजनक है.” मानवीय मूल्यों को लेकर सजग डीएम ने बुजुर्ग को कुर्सी पर बिठाया और पूछा आपका परिवार है? उन्होंने बुजुर्ग से पूछा कि क्या उसकी तबीयत ठीक है और यह जानने की कोशिश की कि उन्हें किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

डीएम एमपी सिंह की पहल पर बुजुर्ग को तुरंत ट्राइसाइकिल मिली.
बुजुर्ग ने कहा कि परिवार में अब कोई बचा नहीं है. सब की मौत हो चुकी है.बुजुर्ग ने बताया कि राशन कार्ड है, राशन भी मिल जाता लेकिन रोटी बनाने वाला कोई नहीं है. तबीयत भी ठीक नहीं रहती. रिक्शा होता तो कुछ चलना फिरना हो जाता, लेकिन अभी तो घिसट घिसट कर ही चलना पड़ता है. गांव वाले खाने को कुछ दे देते हैं, उसी से गुजर चल रही है.
DM ने यह भी आदेश दिया कि बुजुर्ग बाबू राम को सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ मिले. उन्होंने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्रक्रिया को तुरंत पूरा किया जाए और फिर वह क्षण आया, जिसने बुजुर्ग की आंखों में आंसू ला दिए. DM के सामने ही, दिव्यांग बुजुर्ग को उनकी आवश्यकतानुसार ट्राइसाइकिल प्रदान की गई. वह खुशी उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी. यहां मौजूद तमाम लोग भावुक हो गए. कुछ लोगों ने तालियां बजाकर खुशी जाहिर की तो बाबू राम अपने एक इस यादगार दिन पर योगी सरकार और डीएम एमपी सिंह का आशीष देता हुआ नजर आया.