देखा है ऐसा पंचायत भवन? यूपी सचिवालय भी पड़े फीका, हाईटेक सुविधाओं से पूरा लैस; हर कोई बोले वाह!

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High-tech Panchayat Bhawan of Sultanpur सचिवालय उस जगह को कहते हैं जहां किसी गांव या किसी राज्य के कर्मचारी के काम करने की एक जगह होती है. जहां से उस पूरे गांव अथवा राज्य का कार्यभार अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग से किया जाता है. लेकिन आज हम आपको बताने वाले हैं उत्तर प्रदेश के एक ऐसे पंचायत भवन के बारे में जिसको देखकर आप लखनऊ सचिवालय जैसा महसूस करने लगेंगे.
जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले की ग्राम सभा सरैया मझौवा के पंचायत भवन की. जिसके ग्राम प्रधान शिवबहादुर बहादुर सिंह हैं और उन्होंने इस पंचायत भवन को एक खास तरीके से डेवलप किया है. जो लखनऊ सचिवालय जैसी फीलिंग दे रहा है.

सरैया मंझौआ इस समय सुल्तानपुर समेत पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है तो आइए जानते हैं इस पंचायत भवन में क्या है खास.सुल्तानपुर मुख्यालय से लगभग 29 किलोमीटर दूर सरैया मझौवा ग्राम पंचायत अपनी आधुनिकता और वैज्ञानिक विकासवादी सोच को लेकर पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है.

सरैया मंझौवा गांव का पंचायत भवन अन्य गांव के लिए सीख प्रदान कर रहा हैं. ग्राम प्रधान पिंकू सिंह ने बताया कि इस पंचायत भवन को बनाने का बजट 19 लाख 31 हजार आया था जो डेवलेपमेंट
के लिए कम था.

जिला पंचायत राज अधिकारी ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि सरकार की मंशा के अनुरूप सरैया मझौवा गांव में एक बेहतरीन मनरेगा पार्क, आधुनिक पंचायत भवन, डिजिटल लाइब्रेरी, प्राथमिक विद्यालय का कायाकल्प, आधुनिक सरोवर, आर.आर.सी. सेंटर,अन्नपूर्णा भवन, जन सुविधा केंद्र समेत कई काम किए गए हैं.

पिंकू सिंह ने समाज के आगे एक ऐसा उदाहरण पेश किया है जो अन्य ग्राम पंचायतों के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर उभरा है. दरअसल सुल्तानपुर जिले की ग्राम सभा सरैया मझौवा के ग्राम प्रधान पिंकू सिंह ने अपने गांव को कुछ इस तरीके से विकसित किया है मानो वह किसी फाइव स्टार होटल जैसा हो.

लगभग 10 लाख रुपए ग्राम प्रधान ने अपनी तरफ से लगाकर पंचायत भवन को भव्य तरीके से विकसित कराया है. यह पंचायत भवन लगभग दो बीघा क्षेत्रफल में बनाया गया है.

कहने को तो सुल्तानपुर में 979 ग्राम पंचायतें हैं, लेकिन पूरे जिले से धनपतगंज ब्लाक की सरैया मझौवा ग्रामसभा के प्रधान पिंकू सिंह द्वारा गांव को माडल तरीके से विकसित किया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है. पिंकू सिंह का मानना है कि पंचायत भवन किसी भी ग्राम सभा की रीढ़ होती है इसलिए रीढ़ को मजबूत करना हर एक ग्राम प्रधान का कर्तव्य है.

कहते हैं की पढ़ाई कभी ना कभी हमारे वास्तविक जीवन को बेहतर बनाती है कुछ ऐसा ही शिव बहादुर ने भी किया उन्होंने अपनी पढ़ाई और वैज्ञानिक सोच को अपनी ग्राम पंचायत को डेवलप करने में लगाया. आपको बता दें कि शिव बहादुर के एन आई से ग्रेजुएट हैं और वह अपने पिता को अपना आदर्श मानते हैं.