मायावती को फिर सताया दलित वोट खोने का डर? बार-बार निकाल रहीं अखिलेश यादव की सपा पर गुस्सा

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मायावती को फिर सताया दलित वोट खोने का डर? बार-बार निकाल रहीं अखिलेश यादव की सपा पर गुस्सा


Mayawati Slams Akhilesh Yadav: क्या मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर दलितों और बहुजनों को अब भरोसा नहीं रहा, या फिर दलितों को अब बसपा से ज्यादा अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी पर हो रहा है. इन दिनों अखिलेश यादव पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के नाम पर अपनी सियासी शाख खूब मजबूत कर रहे हैं, ऐसे में शायद मायावती को डर सताने लगा है कि कहीं उनका वोटबैंक अखिलेश की सपा की ओर शिफ्ट न हो जाए. दलितों की सियासत करने वाली मायावती पिछले कई दिनों से अखिलेश यादव और उनकी समाजवादी पार्टी पर तीखे प्रहार कर रही हैं. अब उन्होंने एक बार फिर सपा पर अपना गुस्सा निकाला. उन्होंने कहा कि सपा को उसके पिछले व्यवहार को लेकर कोई माफी नहीं मिल सकती.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, ‘कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आदि की तरह समाजवादी पार्टी भी बहुजनों में से खासकर दलितों को इनका संवैधानिक हक देकर इनका वास्तविक हित, कल्याण और उत्थान करना तो दूर, इनकी गरीबी, जातिवादी शोषण तथा अन्याय-अत्याचार आदि खत्म करने के प्रति उसमें कोई सहानुभूति या इच्छाशक्ति नहीं है, जिस कारण वे लोग मुख्यधारा से कोसों दूर रहने को मजबूर हैं.’

उन्होंने आगे कहा कि सपा द्वारा बीएसपी से विश्वासघात, उसके नेतृत्व पर 2 जून को जानलेवा हमला, प्रमोशन में आरक्षण का बिल संसद में फाड़ना, इनके संतों, गुरुओं व महापुरुषों के सम्मान में बनाए गए नये जिले, पार्क, शिक्षण व मेडिकल कालेजों का नाम बदलना आदि ऐसे घोर जातिवादी कृत्य हैं जिसको माफ करना असंभव.

इससे 2 दिन पहले भी मायावती ने समाजवादी पार्टी की पीडीए अभियान पर हमला बोला था. तब मायावती ने कहा था कि सपा की ओर से बीएसपी से विश्वासघात, उसके नेतृत्व पर 2 जून को किया गया जानलेवा हमला, प्रमोशन में आरक्षण का बिल संसद में फाड़ना, इनके संतों, गुरुओं और महापुरुषों के सम्मान में बनाए गए नए जिले, पार्क, शिक्षण तथा मेडिकल कालेजों का नाम बदलना आदि ऐसे घोर जातिवादी कृत्य हैं जिसको माफ करना संभव ही नहीं है.

बता दें, सपा के दलित सांसद रामजी लाल सुमन की राणा सांगा पर टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के बाद पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा उनका लगातार समर्थन किए जाने के बीच मायावती ने यह टिप्पणी की.





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