सावधान! गन्ने में बढ़ गया है कीट लगने का खतरा, अपनाएं ये उपाय, वरना बर्बाद हो जाएगी फसल

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सावधान! गन्ने में बढ़ गया है कीट लगने का खतरा, अपनाएं ये उपाय, वरना बर्बाद हो जाएगी फसल


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Sugarcane farming: लखीमपुर खीरी में 80% किसान गन्ने की खेती पर निर्भर हैं. जून में कीटों के प्रकोप से फसल बर्बाद हो रही है. सूंड़ी रोग से बचाव के लिए जैविक खाद और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव आवश्यक है.

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गन्ने की खेती.

हाइलाइट्स

  • लखीमपुर खीरी में गन्ने की फसल पर कीटों का प्रकोप बढ़ा.
  • सूंड़ी रोग से बचाव के लिए जैविक खाद और कीटनाशक छिड़काव करें.
  • Chlorpyruphos और Profenofos कीटनाशक का उपयोग करें.
अतीश त्रिवेदी/लखीमपुर खीरी : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में किसान गन्ने की खेती कर रहे हैं. गन्ने की खेती करने से किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा भी होता है. इसीलिए लखीमपुर-खीरी जिले को चीनी का कटोरा कहा जाता है. यहां के 80% किसान गन्ने की खेती पर निर्भर हैं. जून के महीने में बदलते मौसम के कारण इस समय गन्ने के खेतों में कीटों का प्रकोप अधिक देखा जा रहा है, जिस कारण गन्ने की फसल बर्बाद हो रही है, जिससे किसान बेहद चिंतित हैं.

जून का महीना गन्ना किसानों के लिए बहुत अहम होता है. इस दौरान फसल की निराई-गुड़ाई और कीट नियंत्रण पर ध्यान देना अच्छी उपज के लिए आवश्यक है. एग्रीकल्चर एक्सपर्ट पवन कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस समय जून महीने में गन्ने में सूंड़ी रोग की समस्या होती है. इस महीने के दौरान, गन्ना बेधक कीट (सूंड़ी) गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचा सकती है. सूंड़ी गन्ने के तने में छेद करके अंदर घुस जाती है और गन्ने के गूदे को खाती है, जिससे गन्ने का विकास रुक जाता है और फसल का उत्पादन कम हो जाता है.

सूंड़ी रोग के प्रकोप को रोकने के लिए, गन्ने की फसल में अच्छी तरह से गुड़ाई करनी चाहिए. गन्ने की फसल को स्वस्थ रखने के लिए, गन्ने के खेत में जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए.

इस दवा का करें छिड़काव 
अगर आपके गन्ने के खेतों में सूंड़ी रोग का प्रकोप देखा जा रहा है तो आप Chlorpyruphos 50 cypermethrin + Profenofos40 % Cypermethnin कीटनाशक दावों का छिड़काव कर सकते हैं.

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