50 सालों से मशहूर है यह चाट, स्वाद के दीवाने हैं लोग, सिर्फ 4 घंटे चट हो जाती हैं सैकड़ों प्लेट

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Street Food: कौशांबी के नेशनल हाईवे पर 50 साल पुरानी कचेला चाट की दुकान है, जिसे मोनू कुमार चलाते हैं. शुद्ध सरसों के तेल और घर के मसालों से बनी यह चाट बहुत मशहूर है. 4 घंटे में 300-400 प्लेट बिक जाती हैं. कानप…और पढ़ें
कचेला
हाइलाइट्स
- कौशांबी के हाईवे पर 50 साल पुरानी कचेला चाट दुकान.
- कचेला चाट की कीमत मात्र 20 रुपये.
- 4 घंटे में 300-400 प्लेट कचेला बिकता है.
कौशांबी: उत्तर प्रदेश जनपद के कौशांबी के नेशनल हाईवे पर एक ऐसा कचेला चाट भंडार है, जो भी यहां के कलेचा एक बार चख लेता है वह दीवाना हो जाता है. कौशाम्बी जिले के अझुहा नगर पंचायत के नेशनल हाईवे के किनारे यह कचेला चाट बेचा जाता है. यह दुकान लगभग 50 साल पुरानी है. पहले पिता ने इस दुकान को चलाया और अब पिता के खत्म होने के बाद बेटे ने संभाला है. इस दुकान की कलेचा चाट बड़ी मशहूर है. कानपुर से प्रयागराज जाने वाले मार्ग पर जो भी यात्री यहां का कलेचा चाट खाता है उसे कचेला चाट का स्वाद बहुत ही पसंद आता है. यह कचेला चाट बहुत ही दूर-दूर तक प्रसिद्ध है.
बात करें कचेला बनाने की विधि की तो इसमें शुद्ध सरसों का तेल, मैदा का प्रयोग किया जाता है और घर का मसाला हाथों से पीसकर प्रयोग किया जाता है. कचेला सुबह से घर के कई सदस्य मिलकर तैयार करते हैं. सामग्री तैयार करने में काफ़ी समय लगता है. तब जाकर यह कचेला तैयार होता है. मात्र 3 से 4 घंटे की दुकानदारी होती है और खाने वालों की लाइन लग जाती है. मात्र 4 घंटे में 300 से 400 प्लेट कलेचा चाट बिक जाती है. एक प्लेट की कीमत मात्र 20 रुपये है.
दुकानदार मोनू कुमार ने बताया कि हम इस कचेले, टिकिया बैगनी को अपने हाथों से ही बनाते हैं. इसको बनाने के लिए शुद्ध सरसों का तेल और घर के देसी मसाले पीसकर इस सामान को तैयार किया जाता है. कचेला बनाने में तो बहुत समय लगता है. घर के कई सदस्य मिलकर इसको तैयार करते हैं. दुकानदार मोनू ने बताया कि कचेला के साथ और कई सामग्री भी बनाई जाती है. लेकिन सबसे ज्यादा बिकने वाला सामान कचेला हीं है. हम लोग शाम को 3 बजे नेशनल हाईवे के किनारे दुकान लगाते हैं और यह दुकान 7 बजे तक लगती है. 4 घंटे के अंतराल में लगभग 300 से 400 दोने कचेला बिक जाते हैं.