भक्तों को संतान का वरदान देती हैं कोखमती माता, यहां पूरी होती हैं मुुरादें

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उत्तरप्रदेश के जनपद कौशांबी जिले के कड़ा धाम मे स्थित 51 शक्ति पीठ में माँ शीतला धाम के ठीक पीछे माता कोखमती माता भी विराजमान है. भक्त मनोकामना लेकर माता कोखमती की भी विधि विधान से पूजा करते हैं. पुजारियों का कह…और पढ़ें
कोखमती माता
उत्तरप्रदेश के जनपद कौशांबी जिले के कड़ा धाम मे स्थित 51 शक्ति पीठ में माँ शीतला धाम के ठीक पीछे माता कोखमती माता भी विराजमान है. भक्त मनोकामना लेकर माता कोखमती की भी विधि विधान से पूजा करते हैं. पुजारियों का कहना है कि जिन महिलाओं के कोख नहीं खुलते है यानी जिन महिलाओं के बच्चे नहीं होते हैं, वे महिलाएं यहां पहुंचकर बड़े ही श्रद्धा से कोखमती माता की पूजा कर मनोकामना पूर्ण करने का आशीर्वाद मांगती है. इसके फलस्वरूप मां भगवती अपने भक्तों का हरेक प्रकार के कष्टों को हर कर संतान सुख प्रदान करती हैं.
माना जाता है माता के दरबार में मान्यता के लिए धरोहर भी रखी जाती है. यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. माता के दरबार में पहुंचकर धरना रखकर बनती है और अपनी मनोकामना को मांगती हैं. इसके बाद उसी दिन से धरोहर चालू हो जाती है. भक्तों की जब मनोकामना पूर्ण हो जाती है, तो धूमधाम से माता के दरबार में दर्शन कर पूजा पाठ करते हैं और वे अपने बच्चों का मुंडन माता रानी के दरबार में करवाते हैं.
पुत्र प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण करती हैं मां
आत्म प्रकाश पांडे बताते हैं कि जब सृष्टि की रचना हुई थी तब सब हर जगह अंधकार था. तब माता एक मुस्कान की दृष्टि से अंधकार को हटाया. माता शीतला के दरबार में एक छोटा सा कोखमती का भी मंदिर है. आत्म प्रकाश पांडे ने बताया कि जिस भी व्यक्ति को पुत्र नहीं होता है उसके द्वारा माता कोखमती की पूजा अर्चना करने मात्र से उसको पुत्र की प्राप्ति होती है. इसके लिए जो भी भक्त आता है माता का विधि विधान से पूजा करें और स्मरण करें की हे माँ मुझे पुत्र देने की कृपा करें. मैं इसके लिए सरणागत हूं. उसके लिए पान सुपाड़ी, हल्दी-चावल का सेवन मात्र धरन रखने से माता कोखमती माता प्रसन्न होती हैं.
माता करती हैं सभी की मनोकामना पूर्ण
कोखमती माता इसलिए भी कहा जाता है कि जिन महिलाओं को कई वर्षो तक संतान नहीं होते है तो कोखमती माता से प्रार्थना करने से कोख खुलती है, इसलिए इन्हें कोखमती कहा जाता है. माता का मंदिर शीतला माता के गर्भ गृह के ठीक पीछे स्थित है और माता सभी की मनोकामना पूर्ण करती हैं.