15 साल से स्कूल नहीं गया टीचर, हर महीने खाते में आती रही सैलरी, कर रखा था ऐसा जुगाड़

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15 साल से स्कूल नहीं गया टीचर, हर महीने खाते में आती रही सैलरी, कर रखा था ऐसा जुगाड़


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Moradabad News : मुरादाबाद में प्राइमरी स्कूल का टीचर पिछले 15 साल से एक भी दिन स्कूल नहीं गया लेकिन हर महीने सैलरी उसके खाते में आती रही. इतना ही टीचर सैय्यद तनवीर हुसैन जैदी खुद को डीएम का स्टेनो बताता था. आ…और पढ़ें

मुरादाबाद में प्राइमरी स्कूल का टीचर पिछले 15 साल से एक भी दिन स्कूल नहीं गया, हर महीने उठाता रहा वेतन

मुरादाबाद. मुरादाबाद में बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े अजीबो-गरीब मामले ने सबको हैरान कर दिया है. प्राइमरी स्कूल का टीचर तहवीर हसन जैदी पिछले 15 साल से एक भी दिन स्कूल नहीं गया लेकिन वेतन हर महीने उठाता रहा. वह खुद को डीएम का स्टेनो बताता था और पब्लिक पर रौब झाड़ता था. एक RTI में यह खुलासा हुआ. आरटीआई से पता चला है कि डीएम कैंप ऑफिस पर खुद को पोस्टेड बताने वाला वास्तव में डीएम का स्टेनो या कलेक्ट्रेट का कर्मचारी नहीं है. वह प्राइमरी स्कूल का असिस्टेंट टीचर है. डीएम कैंप ऑफिस पर उसे 2010 में मुरादाबाद के तत्कालीन डीएम सुभाष चंद्र शर्मा ने कुछ समय के लिए अटैचमेंट किया था.

चुनाव या दूसरे कार्यक्रमों में कुछ स्टाफ को 10-15 दिन के लिए डीएम ऑफिस से अटैच कर लिया जाता है. हालांकि काम पूरा होते ही कर्मचारी अपने मूल विभाग में लौट जाता है. तनवीर ने इसी आदेश को ढाल बनाया और 15 साल तक स्कूल ही नहीं गया. चंदौसी के आरटीआई एक्टिविस्ट अभिषेक गौड़ ने आईटीआई के तहत जानकारी मांगी तो पूरे मामले का खुलासा हुआ. सैय्यद तनवीर हुसैन जैदी की पोस्टिंग मुरादाबाद ग्रामीण ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल ठीकरी में निकली.

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हैरानी की बात यह है कि 15 साल से उसका कोई रिकॉर्ड भी विभाग के पास नहीं है. विभाग के पास तनवीर की छुट्टी का भी कोई हिसाब नहीं है. वेतन खंड शिक्षा अधिकारी मुरादाबाद ग्रामीण ऑफिस से ही हर महीने मिलता रहा. तनवीर हैदर की हाजिरी हर महीने बनती रही. यह क्रम पिछले 15 साल से चला आ रहा है. हकीकत यह है कि वह 15 साल में एक दिन के लिए पोस्टिंग वाले स्कूल में झांकने तक नहीं गया.

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अभिषेक गौड़ ने खंड शिक्षा अधिकारी मुरादाबाद ग्रामीण वेगीश कुमार के यहां आरटीआई लगाई थी. आरटीआई के जवाब में पता चला कि तनवीर हसन जैदी की नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय ठीकरी में मृतक आश्रित के रूप में 2005 में सहायक अध्यापक के रूप में हुई थी. 2010 में उसका अटैचमेंट तत्कालीन डीएम सुभाष चंद्र शर्मा के आदेश पर जिलाधिकारी आवास कैंप ऑफिस पर हुआ था. इसके बाद से वह कभी अपने पोस्टिंग स्कूल में नहीं लौटा.

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