ये खेत अब उनका है….न बेचने का मकसद, न अपने लिए, चिड़ियों के लिए फसल उगा रहा जौनपुर का ये किसान

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ये खेत अब उनका है….न बेचने का मकसद, न अपने लिए, चिड़ियों के लिए फसल उगा रहा जौनपुर का ये किसान


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Unique Organic Farming Jaunpur : उनकी जमीन अब फलों और मसालों की खुशबू से महक रही है. हर सुबह चिड़ियों की चहचहाहट से खेत गूंज उठता है. इस मुहिम में आधुनिक तकनीक भी साथ दे रही है.

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अनिल यादव 

हाइलाइट्स

  • अनिल यादव ने ऑर्गेनिक खेती से चिड़ियों को समर्पित किया.
  • ड्रिप सिंचाई प्रणाली से जल की बचत और उपज में वृद्धि.
  • उनकी जमीन अब फलों और मसालों की खुशबू से महक रही है.

Organic farming/जौनपुर. यूपी का एक अध्यापक अपने अनोखे प्रयोग के लिए सुर्खियों में है. लोग उनकी संवेदनशीलता की तारीफ करते नहीं थकते. जौनपुर के विशुनपुर गांव के सरकारी अध्यापक अनिल यादव इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं, लेकिन वजह उनकी टीचिंग नहीं, बल्कि उनकी ओर से शुरू की गई अनोखी और प्रेरणादायक ऑर्गेनिक खेती है. इस शिक्षक ने अपने खेत में फलों और मसालों की खेती की है, लेकिन उनका उद्देश्य बाजार में इन्हें बेचना नहीं, बल्कि चिड़ियों और प्रकृति के अन्य जीवों को समर्पित करना है. अनिल यादव बताते हैं कि हम इंसानों ने प्रकृति से बहुत कुछ लिया है. वक्त है कि हम उसे कुछ लौटाएं. मैं अपनी जमीन पर फलों और मसालों की खेती इसलिए कर रहा हूं ताकि चिड़ियों को भोजन मिल सके. ये खेत अब उनका है.

90 प्रतिशत सब्सिडी

उनकी इस मुहिम में आधुनिक तकनीक भी खूब साथ दे रही है. जिले की जिला उद्यान अधिकारी सीमा सिंह राणा ने बताया कि अनिल यादव को पीएमडीसी योजना के अंतर्गत ड्रिप सिंचाई प्रणाली का लाभ मिला है. इस प्रणाली की मदद से जल की बचत करते हुए पौधों को आवश्यकतानुसार पानी दिया जा रहा है, जिससे फसलों की गुणवत्ता भी बनी रहती है और उपज में भी वृद्धि होती है. इस योजना के तहत 90 प्रतिशत की सब्सिडी भी मिलती है.

चहचहाहट से गूंजते खेत

ड्रिप सिंचाई प्रणाली से खेती की लागत कम आती है और ये पर्यावरण के अनुकूल भी होती है. अनिल यादव ने इस प्रणाली को अपनाकर साबित कर दिया है कि अगर इच्छाशक्ति हो, तो किसान न सिर्फ पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं बल्कि समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत भी बन सकते हैं. आज जहां एक ओर किसान बढ़ती महंगाई और बाजार की अनिश्चितताओं से परेशान हैं, अनिल जैसे लोग खेती को एक सामाजिक और पर्यावरणीय मिशन बना रहे हैं. उनका ये प्रयास न केवल पक्षियों के लिए आश्रय और भोजन का जरिया बन रहा है, बल्कि क्षेत्र के दूसरे किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए प्रेरित कर रहा है. उनकी जमीन अब फलों और मसालों की खुशबू से महक रही है. हर सुबह चिड़ियों की चहचहाहट से खेत गूंज उठता है.

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ये खेत अब उनका है….न बेचने का मकसद, न अपने लिए, ये किसान कर रहा अनूठी खेती



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