Barabanki News : कोरोना बना वरदान…धरा पर ऐसे लौटी कल्याणी नदी, मन की बात तक पहुंची ‘लहरें’

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Barabanki News : कोरोना बना वरदान…धरा पर ऐसे लौटी कल्याणी नदी, मन की बात तक पहुंची ‘लहरें’


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Barabanki news in hindi : 173 किलोमीटर तक फैली कल्याणी की सीमा सीतापुर, बाराबंकी और लखनऊ को जोड़ती है. इसके पुनर्जीवित होने से तीनों जिलों के लाखों किसानों को फायदा हो रहा है.  

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कल्याणी को नया जीवन मिलने से आसपास के गांवों में हरियाली आ गई ।

हाइलाइट्स

  • कल्याणी नदी को प्रवासी श्रमिकों ने पुनर्जीवित किया.
  • नदी के पुनर्जीवित होने से खेती में सुधार हुआ.
  • मनरेगा श्रमिकों को रोजगार मिला, जलस्तर में सुधार.

बाराबंकी. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में विलुप्त हो चुकी कल्याणी नदी के लिए कोविड-19 महामारी वरदान बनकर सामने आई. इस दौरान प्रशासन और प्रवासीय श्रमिकों की जनसहभागिता से नया जीवन मिला. किसानों के लिए जीवनदायिनी रही कल्याणी नदी दशकों पहले सूख गई थी और नदी के तटों को लोग कब्जा करते गए जिससे नदी कब विलुप्त हो गई, पता ही नहीं चला. कल्याणी नदी के दोबारा धरा पर लाने के लिये छोटे-छोटे प्रयास होते रहे, लेकिन यह बहुत असरदार नहीं साबित हुए. 2020 में कोरोना काल के दौरान तत्कालीन डीएम डॉ. आदर्श सिंह के निर्देश पर ग्राम विकास विभाग ने कल्याणी के पुनरुद्धार की कार्य योजना बनाई, जिसमे दिल्ली, मुंबई, पंजाब व और दूसरे राज्यों से आए हजारों प्रवासी और स्थानीय मजदूरों भी मदद से कल्याणी का पुनरुद्धार कार्य शुरू हुआ. इससे मनरेगा के तहत हजारों की संख्या श्रमिकों को रोजगार भी मिला और महज कुछ ही माह मे कल्याणी को नया जीवन मिलने से आसपास के गांवों में हरियाली आ गई.

173 किलोमीटर तक फैली कल्याणी नदी की सीमा सीतापुर, बाराबंकी और लखनऊ को जोड़ती है. नदी के पुनर्जीवित होने से तीनों जिलों के लाखों किसानों को खेती किसानी के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है. प्रशासन और स्थानीय लोगों की मदद से कल्याणी नदी के पुनरुद्धार की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी की.

पलायन करने लगे लोग

स्थानीय लोगों ने बताया कल्याणी नदी नाले में तब्दील हो गई थी, जिससे वाटर लेवल बहुत नीचे चला गया था. खेती-किसानी भी नहीं हो पा रही थी. लोग गांव छोड़कर पलायन करने लगे थे, फिर कोरोना काल आ गया. उस समय यहां प्रावसीय मजदूर आए. उनकी सहायता से कल्याणी नदी का पुनरुद्धार कार्यक्रम चलाया गया, जिससे अब कल्याणी नदी अपने पुराने स्वरूप में आ गई है. इससे खेती-किसानी करने में भी आसानी हो रही है.

सभी बीडीओ को लगाया

जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बताया की कल्याणी नदी पुनर्जीवित होने के बाद जिले के जलस्तर मे सुधार हुआ है. कल्याणी नदी की समीक्षा लगातार की जा रही है. जहां-जहां जलस्तर गिर रहा है और सिलटिंग हो रही है, वहां दोबारा मनरेगा के तहत कार्ययोजना बना कर कार्य कराने का निर्देश सभी बीडीओ को दिए गए हैं. कोरोना के समय जो भी प्रवसीय श्रमिक नदी के पुनर्जीवन में लगे थे, अगर वो अभी मौजूद हैं तो उनको प्राथमिकता के साथ काम दिया जायेगा.

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