UP में SIR और कफ सिरप पर राजनीति गरम, अखिलेश यादव ने सरकार पर साधा निशाना, बोले- ‘ये तो नॉर्थ कोरिया मॉडल है’
मऊ: उत्तर प्रदेश में लगातार चल से SIR प्रक्रिया और नकली कफ सिरप की बिक्री को लेकर विपक्ष हमलावर है. वहीं बलिया में वोटरों की सूची और कथित धांधली को लेकर सियासत तेज हो गई है. निषाद पार्टी के मुखिया और मंत्री संजय निषाद ने दावा किया है कि बलिया में 20 हजार वोट चोरी किए गए. उनके इस बयान के बाद राजनीतिक घमासान मच गया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला.
20000 वोट काटने की पहले से तैयारी
सपा नेता ने कहा कि हमारी पार्टी के नेता सांसद राजीव राय ने कहा था कि भाजपा ने चुनाव से पहले ही वोट कटवाने की तैयारी कर ली थी. उन्होंने आरोप लगाया कि जब एसआईआर की प्रक्रिया शुरू भी नहीं हुई थी, तब भाजपा की ओर से मतदाता सूची में हेरफेर की बात चल रही थी. 2022 में भी समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग पर जानबूझकर वोट काटने का आरोप लगाया था, जिसका असर चुनाव परिणाम पर पड़ा. सपा नेता ने कहा कि वोटों में गड़बड़ी, मतदाता सूची में हेरफेर और वोट चोरी की बातें जनता के बीच इतना चर्चा का विषय बनीं कि मजबूर होकर इस बार एसआईआर कराया जा रहा है. अपनी नाकामी छिपाने के लिए सरकार यह सब कर रही है.
कफ सिरप को लेकर अखिलेश यादव का तंज
सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि लोगों को खांसी होने पर देसी दवा, जैसे गुड़, सौंठ, अदरक, लौंग या काली मिर्च का इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि बीजेपी की सरकार में कफ सिरप से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें कुछ लोग मुनाफा कमा रहे हैं. अभी तक ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया’ की स्कीम चल रही है.
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने यूपी में माफियाओं को बढ़ावा दिया है और समाजवादी सरकार पर झूठा ‘गुंडाराज’ का आरोप लगाया था. सपा नेता ने दावा किया कि जबसे हमने माफियाओं की सूची जारी की है, भाजपा के कई लोग उसमें पाए गए. ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया’ की पोल हम लगातार खोलते रहेंगे.
गांजा पकड़ा जा रहा है, कफ सिरप नहीं
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश के लगभग हर जिले में गांजा पकड़ा जा रहा है, कभी 5 किलो, कभी 10 किलो, कभी 20 किलो तक. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर कफ सिरप नशे में इस्तेमाल हो रहा था तो उसे बेचने के लिए जिम्मेदार कौन है, आखिर किसकी निगरानी में ये गैंग चल रहा है, कफ सिरप बिकवाने में किसका हाथ है?
अखिलेश यादव ने दावा किया कि संजय निषाद ने यह बयान खुद से नहीं दिया होगा, बल्कि मुख्यमंत्री ने उन्हें ऐसा बोलने के लिए कहा होगा. उनका कहना था कि मीटिंग चल रही थी, विवाद और विभाजन पैदा करने से ही भाजपा को फायदा मिलता है. उन्होंने केंद्र सरकार की भी आलोचना करते हुए कहा कि सरकार लोगों के मोबाइल तक की निगरानी करना चाहती है और इसे ‘नॉर्थ कोरिया मॉडल’ करार दिया.