यूपी की इस फेमस यूनिवर्सिटी का कमाल, इन नदियों के नाम से जानें जाएंगे हॉस्टल के कमरे

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यूपी की इस फेमस यूनिवर्सिटी का कमाल, इन नदियों के नाम से जानें जाएंगे हॉस्टल के कमरे


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Allahabad University News : इस पहल के तहत हॉस्टल के 91 कमरों को देश की प्रमुख नदियों के नाम पर रखा गया है. इसमें देश की वो नदियां भी शामिल हैं, जो विभिन्न हिस्सा में मौजूद हैं.

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केपीयूसी छात्रावास

हाइलाइट्स

  • इलाहाबाद विवि. के हॉस्टल के कमरों का नाम नदियों पर रखा गया.
  • इससे छात्रों में भौगोलिक समझ और सांस्कृतिक जुड़ाव बढ़ेगा.
  • इस पहल का उद्देश्य छात्रों में रचनात्मक कार्यों की वृद्धि करना है.

प्रयागराज. पूर्व का ऑक्सफोर्ड कहां जाने वाला इलाहाबाद विश्वविद्यालय अपने शैक्षणिक और राजनीतिक योगदान के लिए देश भर में लोकप्रिय है. इन दोनों इलाहाबाद विश्वविद्यालय के केपीयूसी छात्रावास के चर्चे दूर-दूर तक हो रहे हैं. ये छात्रावास लगातार छात्रों के साथ मिलकर रचनात्मक कार्य करते हुए नजर आ रहा है. जहां कुछ दिनों पहले इस छात्रावास में देश की संसद की भांति ही एक छात्र संसद की शुरुआत की गई. पिछले दिनों केपीयूसी हॉस्टल में शैक्षणिक और सांस्कृतिक वातावरण को समृद्ध करने की दिशा में एक अद्वितीय पहल का उद्घाटन अधीक्षक डॉ. हौसला सिंह ने किया.

ये महत्त्वपूर्ण पहल वरिष्ठ निवासियों पुरुषोत्तम, रोहित और राजीव पांडा के नेतृत्व में सफलतापूर्वक लागू की गई. लोकल 18 से बात करते हुए रोहित सिंह बताते हैं कि इस पहल के तहत हॉस्टल के 91 कमरों को भारत की प्रमुख नदियों के नाम पर रखा गया है, जिससे छात्रों में भौगोलिक जागरूकता और सांस्कृतिक जुड़ाव बढ़ सके. कमरों को भारत की नदी प्रणालियों के अनुसार वर्गीकृत किया गया है.

ऐसे हुआ है नामकरण

कक्ष संख्या 1 से 20 को गंगा नदी प्रणाली की नदियों के नाम पर रखा गया है, जो उत्तरी भारत की जीवनरेखा हैं. कक्ष संख्या 21 से 42 को ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदी प्रणालियों की नदियों के नाम पर रखा गया है, जो उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम भारत में बहती हैं. कक्ष संख्या 43 से 63 को अरब सागर में गिरने वाली प्रायद्वीपीय नदियों के नाम पर रखा गया है, जो पश्चिमी भारत की विविधता को दर्शाती हैं. कक्ष संख्या 64 से 84 को बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली प्रायद्वीपीय नदियों के नाम पर रखा गया है, जो दक्षिण और पूर्वी भारत की नदियों का प्रतिनिधित्व करती हैं.

लोकल 18 से बात करते हुए डॉ. हौसला सिंह (अधीक्षक छात्रावास) बताते हैं कि इससे छात्रों में रचनात्मक कार्य बढ़ेगा और भौगोलिक समझ के पास साथ ही छात्रों का संस्कृतिक जुड़ाव भी होगा क्योंकि इसमें देश की प्रमुख नदियां शामिल हैं, जो विभिन्न हिस्सा में मौजूद हैं.

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यूपी की इस यूनिवर्सिटी में इन नदियों के नाम से जानें जाएंगे हॉस्टल के कमरे



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