बचपन में देखा डॉक्टर बनने का सपना, NEET क्रैक करके यहां से कर रहे हैं MBBS

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बचपन में देखा डॉक्टर बनने का सपना, NEET क्रैक करके यहां से कर रहे हैं MBBS


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NEET Success Story: अगर बचपन के सपने को पूरा करना चाहते हैं, तो उसी दिशा में काम करने की जरूरत होती है. तब यह सपना पूरा हो पाता है. ऐसी ही कहानी एक लड़के की है, जो बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना देखा और दूसरी ब…और पढ़ें

NEET Story: बचपन से देखा था डॉक्टर बनने का सपना.

हाइलाइट्स

  • दूसरी बार में इस लड़के ने नीट यूजी 2024 पास किया है.
  • वह इस मेडिकल कॉलेज से MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं.
  • उनका सफलता का राज टाइम मैनेजमेंट और रिवीजन रहा है.

NEET Success Story: अगर कुछ करने का जज्बा और जुनून हो, तो किसी भी काम में सफल हो सकते हैं. फिर चाहे बचपन में देखे गए सपने ही क्यों न हो, उसे भी पूरा किया जा सकता है. ऐसी ही कहानी एक लड़के की है, जो बचपने से ही डॉक्टर बनने का सपना देखा और उसे अपनी मेहनत के बदौलत पूरा करने में सफल रहे हैं. उन्होंने दूसरी बार में नीट यूजी की परीक्षा में सफलता हासिल की हैं. हम जिनकी बात कर रहे हैं, उनका नाम शिवांग चौहान (Shivang Chauhan) है.

बचपन से डॉक्टर बनने का था सपना
नीट यूजी 2024 में सफलता हासिल करने वाले शिवांग चौहान बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना देखा था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा राजस्थान में पूरी करने के बाद NEET-UG की तैयारी के लिए एक प्राइवेट कोचिंग संस्थान का सहारा लिया. उन्होंने एक सुव्यवस्थित अध्ययन योजना अपनाई, जिसमें विषयवार अध्ययन और नियमित अंतराल पर ब्रेक शामिल था. वह पढ़ाई करने के दौरान हरेक घंटे के बाद 10-15 मिनट का ब्रेक लेते फिर पढ़ाई करना शुरू कर देते थे.

12वीं में हासिल की 88.9% अंक
शिवांग ने कक्षा 12वीं की परीक्षा में 88.9 प्रतिशत अंक प्राप्त किए, जो उनकी मजबूत एकेडमिक नींव को बताता है. नीट यूजी की परीक्षा को पास करने के बाद शिवांग अजमेर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला लिया. अब वह यहीं से MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं.  एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान वे विभिन्न मेडिकल क्षेत्रों का पता लगाने के इच्छुक हैं. फिलहाल, सर्जरी विभाग उन्हें विशेष रूप से आकर्षक लगता है, हालांकि वे अन्य संभावनाओं पर भी विचार कर रहे हैं.

नीट यूजी पास करने की ऐसी बनाई स्ट्रेटजी
शिवांग बताते हैं कि NEET-UG में सफलता प्राप्त करने के लिए NCERT पुस्तकों, टाइम मैनेजमेंट और रिवीजन की भूमिका सबसे अहम रही है. उनका मानना है कि अनुशासन के बिना परीक्षा की प्रभावी तैयारी संभव नहीं होती. टाइम मैनेजमेंट की बदौलत वे मॉक टेस्ट और रिवीजन को सही तरीके से कर पाए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शिवांग NEET की तैयारी के कारण वे स्कूल में पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों में भाग नहीं ले सकें.

शिवांग चौहान की सफलता इस बात का प्रमाण है कि अनुशासन, निरंतर प्रयास और उचित रणनीति के साथ कोई भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है. उनका यह सफर मेडिकल के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है.

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